जो दुख में भी साथ ना छोड़े वो होता है यार। जो तुम पर अपना हक जमाये वो होता है यार। जो तुम्हारे कांटों के राहों में भी फूल खिला दे वो होता है यार। जो तुम्हारी जरूरतों को अपना कर्तव्य बना ले वो होता है यार। ( जो दिल में दिमाग न रखता हो वो होता है यार। जो हर पल कुछ भी बकता हो वो होता है यार । जो आंसुओं को मुस्कान में बदलता है वो होता है यार । जो कुछ भी करके तेरा काम करता है वो होता है यार। जो हर प्रॉब्लम को मात दे वो होता है यार। Copy) जो तुम्हें इतना प्यार दे कि किसी की कमी ही न खले वो होता है यार। जो तुमसे इतनी आत्मीयता कर ले कि तुममें खुद को देखे और खुद में तुमको वो होता है सच्चा यार। - दुर्गेश बहादुर प्रजापति सच्ची यारी-- वो होता है यार ....