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दौर वो मोहब्बत का सिर्फ इत्तेफाक बन जाता है किसी क

दौर वो मोहब्बत का
सिर्फ इत्तेफाक बन जाता है
किसी के लिए ज़िंदगी,
किसी के लिए मज़ाक बन जाता है
जो ढल गया सो ख़ुदा 
और जो जलता है वो राख बन जाता है...! 
#बदनाम शायर #Mohhobat #मज़ाक
दौर वो मोहब्बत का
सिर्फ इत्तेफाक बन जाता है
किसी के लिए ज़िंदगी,
किसी के लिए मज़ाक बन जाता है
जो ढल गया सो ख़ुदा 
और जो जलता है वो राख बन जाता है...! 
#बदनाम शायर #Mohhobat #मज़ाक