जब माँ ही चली गई तो और क्या खोएंगे, बदनसीब हम बच्चे ज़ीवन भर ही रोयेंगे, ये कहकर मेरी दादी ने डाला इक नया चूल्हा, मेरे बच्चे किसी सूरत भी अब भूखे ना सोयेंगे । कृष्णगोपाल सोलंकी🙏 सभी दोस्तों को नमस्कार💐💐