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हर पतंग जानती है, अंत में

             हर पतंग जानती है,
            अंत में कचरे मे जाना है
            लेकिन उसके पहले हमे,
          आसमान छूकर दिखाना है ।
       ​" बस ज़िंदगी भी यही चाहती है "​
             हर पतंग जानती है,
            अंत में कचरे मे जाना है
            लेकिन उसके पहले हमे,
          आसमान छूकर दिखाना है ।
       ​" बस ज़िंदगी भी यही चाहती है "​