कुछ तो था उसकी आँखों में जो मैं पढ़ रहा था, रोज़ आते जाते वो मेरे हाथों की तरफ देखा करता था कितना अकेला और लाचार, अपने ही बनाये कुटुम्ब से अलग वो आज कल रहने लगा था। जिसने सींचा था उस कुटुम्ब को, अब यही उस कुटुम्ब को बोझ लगने लगा था। हा, शायद अब वो बूढ़ा हो चला था।। हा, अब वो बूढ़ा हो गया था।। #myvoice_mylines #oldage #is #new #childhood #society #nuclerfamily #emotions #love #poetry #nojotohindi #family