बचपन और नानी का घर ये वही घर है, जहाँ मेरी शैतानी शुरु हुई ये वही घर है, जहाँ मेरी डाट खाने कि शुरुआत हुई ये वही घर है, जहाँ नानी ने हमेशा चीज़ खाने को पैसे दिये मेरा बचपन और मेरी नानी दोनो ही मेरे दिल के करीब हुआ करते थे लेकिन आज वही घर, बिना नानी क सुना सा लगता है नानी कि आवाज़, मेरा नाम,उनके पैर,उनकी बातें,वो कहानिया सब याद आती है, नानी और बचपन का घर याद आता है। Miss you nani maa...#Nani