सोचता हूँ अंजाम-ए-सफ़र क्या होगा तेरा नाम लेकर चल पड़ा हूँ,रास्तों का मुझ पर असर क्या होगा दिन-रात बरस रही हो बनके काली घटा तुम बारिश से जाकर पूछो,पानी का मुझ पर असर क्या होगा कभी झुका करो तुम,सजदे में संग मेरे तेरे बिना मेरी दुआ का ख़ुदा पर असर क्या होगा बहुत होगा खूबसूरत सफ़र, जब चलोगे संग मेरे तेरे बिना मेरी मँज़िलों से मुझे मयस्सर क्या होगा चाहने वाले तो शायद मिलते रहेंगें उम्र भर तेरे बिना मेरी शायरी के हुनर का क्या होगा कौन कहता है ख़ुदा का नूर नज़र नहीं आता मुर्शिद की आँखों में झाँको,काफ़िर की आँखों बशर क्या होगा... © abhishek trehan #अंजाम_ए_सफ़र #बशर #दुआ #असर #manawoawaratha #yqdidi #yqrestzone #yqastheticthoughts