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मन किया ,आज वो किया इक पुरानी ,डायरी को अरे मैंने

मन किया ,आज वो किया 
इक पुरानी ,डायरी को
अरे मैंने संदूक से निकाल दिया
मेरे जख्मों पर ,डायरी नमक बन गई ,
पढे कुछ पन्ने मैंने ऐसे 
यारों पुराने दिन, वो बाते ,सब ताजा हो गई
मन किया ,आज वो किया 
इक पुरानी ,डायरी को
अरे मैंने संदूक से निकाल दिया
मेरे जख्मों पर ,डायरी नमक बन गई ,
पढे कुछ पन्ने मैंने ऐसे 
यारों पुराने दिन, वो बाते ,सब ताजा हो गई