लिखकर कुछ दिल का, हाल रक्खा है मैंने भी खुदको दिलक | हिंदी Poem
"लिखकर कुछ दिल का, हाल रक्खा है मैंने भी
खुदको दिलके मुताबिक ढाल रक्खा है मैंने भी
धीरे धीरे ही सही पर चलता रहूँगा इस पथ पर
क्योंकि लिखने का शौक पाल रक्खा है मैंने भी
#er.prayatnsingh"
लिखकर कुछ दिल का, हाल रक्खा है मैंने भी
खुदको दिलके मुताबिक ढाल रक्खा है मैंने भी
धीरे धीरे ही सही पर चलता रहूँगा इस पथ पर
क्योंकि लिखने का शौक पाल रक्खा है मैंने भी
#er.prayatnsingh