चाहते आज भी उतनी ही है,मगर तुझे भूल जाना ही अब समझदारी है। जो मुहब्बत वफा ना कर सके,वो मुहब्बत किसी काम की नहीं है। ©Das Ghayal #मुहब्बत #वफा