बंसी सुन कान्हा की जैसे, मीरा है खिल जाती, आवाज़ सुन तेरी मैं, चिड़िया जैसी चहक जाती! कान्हा की मूर्ति ले, जैसे मीरा नृत्य करती है, ये पगली भी तेरे प्यार में, वैसे ही ठुमकती है! सुन लो कान्हा मेरे, तुम इतना ना इठलाया करो, एक गुज़ारिश बस इतनी की, भले चाँद के जैसे ही, कभी कभी दिख जाए करो! #NojotoQuote l #love#nojoto#writingafteralongtime#loveforwritingcontinues#reexpandingmywritingmuscles