दोस्ती एक एक ऐसा रिश्ता है जो किसी भी अजनबी व्यक्ति से मन मिजाज मिल जाने से कायम हो जाती है और इसे शिद्दत से निभाई जाये तो ये एक इबादत करने जैसा है पर आजकल लोगों ने इसे तेजारत बना दिया है अगर सच्चा साथी आज भी मिल जाये तो दोस्ती ताउम्र चलती है। और दोस्त ही एक ऐसा शख्स होता है जिस से हम अपने दिल कि बात तक शेयर करते हैं। इसलिए कहा गया है कि।।।।। दोस्ती करना तो यूँ जैसे इबादत करना। वर्ना बेकार है रिश्तों की तेजारत करना।। ©Manzoor Alam Dehalvi #FriendshipDay @faiz s