[16/02, 1:46 am] शायर शादाब कमाल: वो हर बार मेरी जज्बातो पर मिट्टी डाल देता है, खुद कुछ नही करता हर बार किस्मत पर टाल देता है कुछ इसलिये भी मेरी बात का असर नही होता उसपर वो हर बार मेरे खत लेता है और हवा में उछाल देता है, ख्वाहिश वो कर रहा है जन्नत में जाने की जो अपने माँ बाप को घर से निकाल देता है, जवाब तो देना उसने कभी सिखा ही नहीं हर बार एक ना एक नया सवाल डाल देता है,। ना जाने किस किस्म की मोहब्बत करता है वो शख्स जो बीना महबूब का पता लिखे हर बार चिट्टी डाल देता है।। #गज़ल के कुछ शेर #heart #mythought #sad #romantic उमैश