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गुरु गुरु वही है जो आपकी आपसे पहचान करा दे, जो ए

गुरु 

गुरु वही है जो आपकी आपसे पहचान करा दे,
जो एक मामूली सा पत्थर में भी भगवान त्रास दे।
जिंदगी में तो मिलें हैं लोग भरमार लेकिन थे आप बहुत खास,
जिन्होंने कराया मुझे, मेरी छुपी हुई शक्तियों का अहसास।

आपने ही साहित्य में आध्यात्म दिखलाया,
बाहरी समस्याओं का हल खुद के अंदऱ खोजना सिखलाया।
आपने ही मुझे सही राहों पर चलना सिखलाया,
हारने के बाद भी जीवन में जितना सिखलाया ।

आपका वो मैकबेथ का soliloque पढना,
पोर्टल scene में अपने गाँव का कहानी सुनाना।
साहित्य के अंदर ही जीवन का मर्म बताना,
बहुत याद आती है आज ।

क्लास के बाद डिपार्टमेंट में साहित्य के साथ - साथ जीवन रूपी समस्याओं पर चर्चा करना,
शाम के समय घर बुलाकर पढाई के साथ-साथ माँ के हाथों का प्रसाद खिलाना।
आपका सप्ताह में तीन दिन स्पेशल लेंगवेज का क्लास,
बहुत याद आती है आज ।

आपने मेरी साहित्य की यात्रा चम्पक नामक मैगजिन से करवाया,
आपने एक मेंटर नामक क्लास चलाया,
जिसमें मुझे, मेरे जीवन का लक्ष्य बताया ।
आप ही ने मुझे खुद को खुद से मिलवाया ।

अब मेरा भी एक अडिग- अटल इच्छा है,
मैं आपके जैसा बन जाऊं ।
और दूसरों का उपकार करूँ,
साहित्य को आध्यात्म की तरह पढ़ा पाऊँ ।
                   आपका शिष्य - मालीग्राम  #feather
गुरु 

गुरु वही है जो आपकी आपसे पहचान करा दे,
जो एक मामूली सा पत्थर में भी भगवान त्रास दे।
जिंदगी में तो मिलें हैं लोग भरमार लेकिन थे आप बहुत खास,
जिन्होंने कराया मुझे, मेरी छुपी हुई शक्तियों का अहसास।

आपने ही साहित्य में आध्यात्म दिखलाया,
बाहरी समस्याओं का हल खुद के अंदऱ खोजना सिखलाया।
आपने ही मुझे सही राहों पर चलना सिखलाया,
हारने के बाद भी जीवन में जितना सिखलाया ।

आपका वो मैकबेथ का soliloque पढना,
पोर्टल scene में अपने गाँव का कहानी सुनाना।
साहित्य के अंदर ही जीवन का मर्म बताना,
बहुत याद आती है आज ।

क्लास के बाद डिपार्टमेंट में साहित्य के साथ - साथ जीवन रूपी समस्याओं पर चर्चा करना,
शाम के समय घर बुलाकर पढाई के साथ-साथ माँ के हाथों का प्रसाद खिलाना।
आपका सप्ताह में तीन दिन स्पेशल लेंगवेज का क्लास,
बहुत याद आती है आज ।

आपने मेरी साहित्य की यात्रा चम्पक नामक मैगजिन से करवाया,
आपने एक मेंटर नामक क्लास चलाया,
जिसमें मुझे, मेरे जीवन का लक्ष्य बताया ।
आप ही ने मुझे खुद को खुद से मिलवाया ।

अब मेरा भी एक अडिग- अटल इच्छा है,
मैं आपके जैसा बन जाऊं ।
और दूसरों का उपकार करूँ,
साहित्य को आध्यात्म की तरह पढ़ा पाऊँ ।
                   आपका शिष्य - मालीग्राम  #feather