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कुर्मी और यदुवंश का बीज जब महाराष्ट्र की पावन भूम

कुर्मी और यदुवंश का बीज जब महाराष्ट्र  की पावन भूमि पर पर अंकुरित हुआ तो इसने संपूर्ण भारत वर्ष को मुग़लों के चंगुल से आजाद कर दिया, मुग़लों की ग़ुलामी  से आजादी दिलाने वाले हिंदुत्व के इस महान पुजारी को आज भी भारत वर्ष में  उतना ही
सम्मान और प्रेम मिलता है जितना इन्हे बचपन में इनकी माँ और कृष्ण वंशज राजमाता जीजा बाई से प्राप्त होता था आप समझ ही गये होंगे हम किसकी बात कर रहे है जी हां हम बात कर रहे है मुगलों को नाको कान चना चबाने वाले ,गोरिल्ला युद्ध के जनक  , मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले और माँ भवानी के वीर सपूत छत्रपति शिवाजी शाह जी भोसले की जिन्होंने हारना नही सीखा, जिन्होंने दुनिया को बताया कि संघर्ष व्यक्ति के जीवन का आधार है, और कुछ बदले तलवारों से ही लिए जाते है जो युद्ध में पराजित राजाओं की पत्नियों को माँ  का दर्जा देते थे, ऊँचा था जिनकी नजरों में धर्मों का सम्मान, तभी तो तोपखानों का प्रमुख था इब्राहिम खान,
आपको 390 वां जन्मदिवस मुबारक हो, 
छ्त्रपति शिवाजी जी महाराज , 
....जलज राठौर
कृते म्लेच्छोच्छेदे भुवि निरवशेषं, रविकुला-वतंसेनात्यर्थं यवनवचनैर्लुप्तसरणीम्।नृपव्याहारार्थं स तु विबुधभाषां वितनितुम्।नियुक्तोऽभूद्विद्वान्नृपवर शिवच्छत्रपतिना ॥८१॥( Copy) कुर्मी और यदुवंश का बीज जब महाराष्ट्र  की पावन भूमि पर पर अंकुरित हुआ तो इसने संपूर्ण भारत वर्ष को मुग़लों के चंगुल से आजाद कर दिया, मुग़लों की ग़ुलामी  से आजादी दिलाने वाले हिंदुत्व के इस महान पुजारी को आज भी भारत वर्ष में  उतना ही
सम्मान और प्रेम मिलता है जितना इन्हे बचपन में इनकी माँ और कृष्ण वंशज राजमाता जीजा बाई से प्राप्त होता था आप समझ ही गये होंगे हम किसकी बात कर रहे है जी हां हम बात कर रहे है मुगलों को नाको कान चना चबाने वाले ,गोरिल्ला युद्ध के जनक  , मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले और माँ भवानी के वीर सपूत छत्रपति शिवाजी शाह जी भोसले की जिन्होंने हारना नही सीखा, जिन्होंने दुनिया को बताया कि संघर्ष व्यक्ति के जीवन का आधार है, और कुछ बदले तलवारों से ही लिए जाते है जो युद्ध में पराजित राजाओं की पत्नियों को माँ  का दर्जा देते थे, ऊँचा था जिनकी नजरों में धर्मों का सम्मान, तभी तो तोपखानों का प्रमुख था इब्राहिम खान,
आपको 390 वां जन्मदिवस मुबारक हो, 
छ्त्रपति शिवाजी जी महाराज , 
....
कृते म्लेच्छोच्छेदे भुवि निरवशेषं, रविकुला-वतंसेनात्यर्थं यवनवचनैर्लुप्तसरणीम्।नृपव्याहारार्थं स तु विबुधभाषां वितनितुम्।नियुक्तोऽभूद्विद्वान्नृपवर शिवच्छत्रपतिना ॥८१॥
.... #जलज राठौर
कुर्मी और यदुवंश का बीज जब महाराष्ट्र  की पावन भूमि पर पर अंकुरित हुआ तो इसने संपूर्ण भारत वर्ष को मुग़लों के चंगुल से आजाद कर दिया, मुग़लों की ग़ुलामी  से आजादी दिलाने वाले हिंदुत्व के इस महान पुजारी को आज भी भारत वर्ष में  उतना ही
सम्मान और प्रेम मिलता है जितना इन्हे बचपन में इनकी माँ और कृष्ण वंशज राजमाता जीजा बाई से प्राप्त होता था आप समझ ही गये होंगे हम किसकी बात कर रहे है जी हां हम बात कर रहे है मुगलों को नाको कान चना चबाने वाले ,गोरिल्ला युद्ध के जनक  , मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले और माँ भवानी के वीर सपूत छत्रपति शिवाजी शाह जी भोसले की जिन्होंने हारना नही सीखा, जिन्होंने दुनिया को बताया कि संघर्ष व्यक्ति के जीवन का आधार है, और कुछ बदले तलवारों से ही लिए जाते है जो युद्ध में पराजित राजाओं की पत्नियों को माँ  का दर्जा देते थे, ऊँचा था जिनकी नजरों में धर्मों का सम्मान, तभी तो तोपखानों का प्रमुख था इब्राहिम खान,
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छ्त्रपति शिवाजी जी महाराज , 
....जलज राठौर
कृते म्लेच्छोच्छेदे भुवि निरवशेषं, रविकुला-वतंसेनात्यर्थं यवनवचनैर्लुप्तसरणीम्।नृपव्याहारार्थं स तु विबुधभाषां वितनितुम्।नियुक्तोऽभूद्विद्वान्नृपवर शिवच्छत्रपतिना ॥८१॥( Copy) कुर्मी और यदुवंश का बीज जब महाराष्ट्र  की पावन भूमि पर पर अंकुरित हुआ तो इसने संपूर्ण भारत वर्ष को मुग़लों के चंगुल से आजाद कर दिया, मुग़लों की ग़ुलामी  से आजादी दिलाने वाले हिंदुत्व के इस महान पुजारी को आज भी भारत वर्ष में  उतना ही
सम्मान और प्रेम मिलता है जितना इन्हे बचपन में इनकी माँ और कृष्ण वंशज राजमाता जीजा बाई से प्राप्त होता था आप समझ ही गये होंगे हम किसकी बात कर रहे है जी हां हम बात कर रहे है मुगलों को नाको कान चना चबाने वाले ,गोरिल्ला युद्ध के जनक  , मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले और माँ भवानी के वीर सपूत छत्रपति शिवाजी शाह जी भोसले की जिन्होंने हारना नही सीखा, जिन्होंने दुनिया को बताया कि संघर्ष व्यक्ति के जीवन का आधार है, और कुछ बदले तलवारों से ही लिए जाते है जो युद्ध में पराजित राजाओं की पत्नियों को माँ  का दर्जा देते थे, ऊँचा था जिनकी नजरों में धर्मों का सम्मान, तभी तो तोपखानों का प्रमुख था इब्राहिम खान,
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....
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