*omnipresent* "अक्सर वीरान सी सड़कों पर तुम्हारा अक्स ढूंढ़ता हूँ, मुझमें ही कहीं मौजूद है वो शख़्स ढूंढ़ता हूँ।"....… @संजीव चौहान