Nojoto: Largest Storytelling Platform

ये रातें ! क्यूँ गुजरती नहीं । बादलों की आंखें क्य

ये रातें ! क्यूँ गुजरती नहीं ।
बादलों की आंखें क्यूँ बरसती नहीं ।
सिर्फ हम ही रहते हैं बेताब उन्हें देखने की खातिर !
क्यूँ कभी उनकी नजर भी ! हमे देखने को तरसती नहीं ।

- Ankit dhyani #OpenPoetry #nojoto #nojotohindi
ये रातें ! क्यूँ गुजरती नहीं ।
बादलों की आंखें क्यूँ बरसती नहीं ।
सिर्फ हम ही रहते हैं बेताब उन्हें देखने की खातिर !
क्यूँ कभी उनकी नजर भी ! हमे देखने को तरसती नहीं ।

- Ankit dhyani #OpenPoetry #nojoto #nojotohindi