सावन का माैसम आयाे सखी री , झुला पड़ गयाे डाल, बैरी बलमवां परदेश गयाे है लियाे नहीं काेई हाल। बाहर झम-झम बरखा बरसे भीतर बरसे नैना पल-पल चमके ये बिजुरीयां उड़ा ले जाये माेरा चैना। सुन ओ प्यारी पुरवईयां कर जाेड़ूं ताेरे पांव पड़ूं मै, संन्देश सजनवां काे तू ले जा अबके सावन जाे वाे न आयें मेरी सुरत काे तरसेंगें उनके भी दाे नैना #yuqotes#yqbaba#yqdada#tqdidi#yqlove#yqtable#yqhindi