Nojoto: Largest Storytelling Platform

हां साहब ! वो ज़िद थी मेरी, जिसे मैं पाने के लिए च

हां साहब !
वो ज़िद थी मेरी, जिसे मैं पाने के लिए चल पड़ा था,
वो ज़िद थी मेरी, उसे हर खुशी दिलाने का,
और वो ज़िद भी मेरी ही थी, 
जो उसकी हर गलती सेह लेता था,
लेकिन
वो ज़िद मेरी नहीं थी, जो हम चल पड़े है
अलग अलग राहों पर।। #zid Ajay Parmjit Kaur Ritu Babita Vijay Gunjan Kumari
हां साहब !
वो ज़िद थी मेरी, जिसे मैं पाने के लिए चल पड़ा था,
वो ज़िद थी मेरी, उसे हर खुशी दिलाने का,
और वो ज़िद भी मेरी ही थी, 
जो उसकी हर गलती सेह लेता था,
लेकिन
वो ज़िद मेरी नहीं थी, जो हम चल पड़े है
अलग अलग राहों पर।। #zid Ajay Parmjit Kaur Ritu Babita Vijay Gunjan Kumari
chhotunegi1814

Dear Alfaz

New Creator

#Zid Ajay Parmjit Kaur Ritu Babita Vijay Gunjan Kumari #Shayari