गज़ल के शेर इल्म चेहरों को ये हुआ ही नही . आईना | हिंदी शायरी
"गज़ल के शेर
इल्म चेहरों को ये हुआ ही नही .
आईना झूठ बोलता ही नही .
नफ़रतें बाटे देश का नेता ..
सच येअखबार में छपा ही नही
इक जगह खत्म है हर इक नफ़रत .
उस के आगे तो रास्ता ही नही
अंदाज़ अमरोहवी
750504458 8"
गज़ल के शेर
इल्म चेहरों को ये हुआ ही नही .
आईना झूठ बोलता ही नही .
नफ़रतें बाटे देश का नेता ..
सच येअखबार में छपा ही नही
इक जगह खत्म है हर इक नफ़रत .
उस के आगे तो रास्ता ही नही
अंदाज़ अमरोहवी
750504458 8