हां ये हक़ीक़त है तुम जिंदगी से जा तो चुकी हो पर ज़िन्दगी आज भी वही ठहर चुकी है काश की तुम आज भी मेरे साथ होती ख़्वाबों मे नहीं हक़ीक़त मे मेरे पास होती मना की गलती हमसे हुई थी और माफ़ी भी हमने ही मांगी थी ना उलझती बाते इतनी अगर थोड़ी बाते तुम भी समझ पाती मुहब्बत तो दो तरफा थी हमारी फिर भी दिल को तन्हाई मिला ना ज़िद की हमने कभी फिर लौट आने को पर फिर भी इक बार पीछे मुड़ कर देख लेती मेरे हर राह पर फिर इक बार मेरे साथ होती काश की तुम आज भी मेरे साथ होती ख़्वाबों मे नहीं हक़ीक़त मे मेरे पास होती ✍️नवीन