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एक हमारा सुख ही सारी दुनिया को मंज़ूर नहीं था माना

एक हमारा सुख ही सारी दुनिया को मंज़ूर नहीं था
माना हमने चन्दा चाहा, लेकिन इतनी दूर नहीं था
जिसको सब ईश्वर कहते हैं, वो तो इतना क्रूर नहीं था
जो चाहें, वो ही छिन जाए, ऐसा भी दस्तूर नहीं था

©मनीषा शुक्ला
gokulsharma2958

Gokul Sharma

Bronze Star
New Creator

एक हमारा सुख ही सारी दुनिया को मंज़ूर नहीं था माना हमने चन्दा चाहा, लेकिन इतनी दूर नहीं था जिसको सब ईश्वर कहते हैं, वो तो इतना क्रूर नहीं था जो चाहें, वो ही छिन जाए, ऐसा भी दस्तूर नहीं था ©मनीषा शुक्ला

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