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थोड़ी सी मैं अलबेली थी तन्हाई मेरी सहेली थी जग मे

थोड़ी सी मैं अलबेली थी 
तन्हाई मेरी सहेली थी 
जग मे शायद मैं अकेली थी 
मन मे भी कई पहेली थी 
 बिजली सी गम को झेला था 
कर्मो का पापड़ बेला था 
दुःख का तो समझो रेला था 
 मन में भी तीव्र झमेला था।
 मेहनत ने मुझे धकेला था।
 जहां लगा खुशी का मेला था।
 मैंने दुख पीछे ठेला था।
 आनंद से कुछ क्षण खेला था।
 संघर्ष का फल भी मिला मुझे।
 अब गम से ना था गिला मुझे।
 संघर्ष के फल से सजी थी थाली।
 चहु ओर जीत की बजी थी ताली 
 मैं उस बागान की बनी थी मालिन।
 जहां बिछी थी गुलशन की कालीन 
 भोजन से भरा पतीला मिला।
 और स्वाद बड़ा रसीला मिला। #Main_अकेली #myvoice #हैप्पीनेस #sad #पोएट्री #quotes #music #peace  #BM27 रोहित तिवारी । HOLOCAUST Shikha Sharma Kavi Rajeev Nayan
थोड़ी सी मैं अलबेली थी 
तन्हाई मेरी सहेली थी 
जग मे शायद मैं अकेली थी 
मन मे भी कई पहेली थी 
 बिजली सी गम को झेला था 
कर्मो का पापड़ बेला था 
दुःख का तो समझो रेला था 
 मन में भी तीव्र झमेला था।
 मेहनत ने मुझे धकेला था।
 जहां लगा खुशी का मेला था।
 मैंने दुख पीछे ठेला था।
 आनंद से कुछ क्षण खेला था।
 संघर्ष का फल भी मिला मुझे।
 अब गम से ना था गिला मुझे।
 संघर्ष के फल से सजी थी थाली।
 चहु ओर जीत की बजी थी ताली 
 मैं उस बागान की बनी थी मालिन।
 जहां बिछी थी गुलशन की कालीन 
 भोजन से भरा पतीला मिला।
 और स्वाद बड़ा रसीला मिला। #Main_अकेली #myvoice #हैप्पीनेस #sad #पोएट्री #quotes #music #peace  #BM27 रोहित तिवारी । HOLOCAUST Shikha Sharma Kavi Rajeev Nayan