में तुम्हें दूढ़ने स्वर्ग के द्वार तक, रोज जाता रहा रोज आता रहा। तुम ग़ज़ल बन गई गीत में ढल गई, मंच से में तुम्हे गुनगुनाता रहा। #लव #alone #shayri #kavita #wo #pankajmehra