तुम अब ऐसे नही रहे जैसे मुझे मिले थे तुम्हारा बात बात पे चीखना चिल्लाना बताता है की कुछ तो .... अंदर से टूटा है पहले जितनी केयर ना करना लापरवाह हो जाना, अपने दर्द को मेरे साथ शेयर ना करना बताता है कि कुछ तो .... अंदर से टूटा है अगर मसला ही दूर जाने का था वरना... बात करते तो मसले हल भी हो सकते है। Zindagi ki diary s