में रुठ गई थी खुद से, मानने लगी हुँ ख़ुदको फिर से, खामोश जुबा-दिल मे चुभन दबा रही थी कबसे.., आस सी जागने लगी हुँ अब से.., रास्ते मे छोड़ गए थे, लोग मुझको तन्हा, दिल न लगूंगी कभी वादा निभा रही थी कब से...! शायद हां इश्क़ करने लगी हुँ मैं अबसे...*@! #confession letter to inner self #nojotohindi #nojotolif #ctl #anjaliverma