पक्षपात कहता है दिल उस रब ने किया पक्षपात मुझसे, सेही अपना प्यारा बनाया जिसे मैंने चाहा, करता है दिल पक्षपात किया है तुमने ओ रब, मुझे शरीर से ही इतना कमजोर बना दिया। हां पक्षपात किया है तुमने रब हम बेटियों के साथ, एक घर का मोह छूटा नहीं दूजे का लगा दिया। क्यों किया पक्षपात तूने रब हम औरतों के साथ, हमारा ही लहू हमारे ही शरीर से निरन्तर बहा दिया। हाँ किया है तुमने पक्षपात हम सब साथ, किसी को खूबसूरत तो किसी को बदसूरत बना दिया। क्यों न दिए हर किसी एक जैसे हाथ पांव और आंखें, किसी को लूला किसी को लंगड़ा किसी को अंधा बना दिया। कहते हैं लोग ये विभिन्नता ही धरा को धरा बनाती है, फिर क्यूँ दिल एक सा दिमाग अलग लड़ बना दिया। ©Lata Sharma सखी #WForWriters #पक्षपात