सन्नाटे में भी एक अलग ही सुकून होता है जो शोर मे नही, सन्नाटे मे होता है शान्ति बड़ी प्यारी लग रहीं हैं आज मुझे लगता है मेरे लफ्ज़ मुझसे रूठ गए हैं लफ्जों का शोर आज सन्नाटे मे बदल गया क्या लिखू और क्या ना लिखू में आज खुद ही मैं गुम हो गया सन्नाटा छाया हैं, आज मुझ मे और लफ्ज़ मेरे शांत से है क्या लिखूँ समझ नहीं आता इसलिए आज ये कलम भी मेरी शांत सी हैं। चलो शांति से ही आज कुछ सीखते हैं लेखनी और लफ्जों को विराम देकर खुद को भी आज आराम देते हैं। --सन्यासी लेखक #आराम #MoonHiding