कलजुग के दोहे १.अच्छा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर छाया नाहीं देवत है फल लगै अति दूर। २.ना काल करै ना आज कर ना आज करै ना अब थोड़ा चढ़ावा दे दे बंदेया खुद हो जाएगा सब। ३.सुब में सब होवत है भईया दुख में ना होवे कोए जे कलजुग है भायो यहां ना अपना कोए। ©Jai shree Radhekrishan #कलयुग के दोहे #rain