यूँ बार बार इस भरी महफिल में मुझे ना पहचानकर शर्मिंदा ना कर जा कर ले आ तुम्हारा वो वफा ए इश्क वाला ख़ंजर और चुभो दे मेरे जिस्म के अंदर 😢