बद्ल जाते है लोग वक़्त की तरह ये उनका पेशा बन गया है यहाँ हारना किसी को मन्जूर नही मोहब्बत खेल ही कुछ एसा बन गया है बद्ल जाते है लोग वक़्त के साथ.... मोसमो से मिले है इनके हाथ गिर्गिट रंग बदलते है मोसम ढन्ग बदलते है वक़्त के तरह लोग संग बदल देते है बिक जाते है हाथो हाथ बद्ल जाते है लोग वक़्त के साथ.... य कभी शर्द होते है तो कभी गर्म होते है कभी इनके तेबर नर्म होते है हबाओ से मिले है इनके हाथ बद्ल जाते है लोग वक़्त के साथ.... ये कुछ इस तरह बदल रहे थे सूरज से चाँद मे ढल रहे थे सितारो से मिले है इनके हाथ बद्ल जाते है लोग वक़्त के साथ.... लेखक..ankit acharya #acharya