एक ज़िन्दगी दी है ख़ुदा ने, खुदका खुद ही मज़ाक उड़ाना | हिंदी शायरी
"एक ज़िन्दगी दी है ख़ुदा ने,
खुदका खुद ही
मज़ाक उड़ाना सीख लो,
दूसरे उड़ाएंगे तो
तकलीफ़ बहुत होगी,
महफ़िल में मुस्कुराओगे,
और रात को तकिये पे
अश्कों की बरसात होगी।
""अजय"""
एक ज़िन्दगी दी है ख़ुदा ने,
खुदका खुद ही
मज़ाक उड़ाना सीख लो,
दूसरे उड़ाएंगे तो
तकलीफ़ बहुत होगी,
महफ़िल में मुस्कुराओगे,
और रात को तकिये पे
अश्कों की बरसात होगी।
""अजय""