मनुष्य का जीवन एक अभी विराम यात्रा है इस यात्रा में वही गंतव्य तक पहुंच पाता है जो निरंतर यात्रा पथ पर चलता रहता है इस जीवन में यात्रा में अपने पद पाते और गंतव्य तीनों के प्रति श्रद्धा अत्यंत आवश्यक है यह श्रद्धा पाठक को अपने पथ पर चल रही बनाने के लिए महत्वपूर्ण है वास्तव में श्रद्धा अपने सद्विचार पर बुद्धि के स्थिर रखने का दूसरा नाम है किसी भी जीवन लक्ष्य को पाने के बहुत सारे रास्ते हो सकते हैं पर सद्विचार द्वारा स्वयं सहित रास्ते पर पूरी श्रद्धा के साथ चलना रहना आवश्यक है भारतीय अध्यात्मिक दर्शन में भक्ति केनो प्रकाश स्वर्ण कीर्तन सवर्ण पद अश्विन आचार्य वंदना से संख्या और अति निवेदन बताए गए हैं निवेदक भी कहते ©Ek villain #श्रद्धा और दृढ़ता #shaadi