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पहले सुलझा हुआ सा मैं था तू था और मेरी मुस्कान थी,

पहले सुलझा हुआ सा मैं था तू था और मेरी मुस्कान थी,
दिल में कुछ सपने थे और तुझे पाने के कितने अरमान थे,
अब उलझा हुआ सा मैं हूँ और दिल में ग़मों का आसमान हैं,
रोती हुई सी ये शाम है हाथों में जाम लिए ये दिल परेशान हैं॥  #confused #84
पहले सुलझा हुआ सा मैं था तू था और मेरी मुस्कान थी,
दिल में कुछ सपने थे और तुझे पाने के कितने अरमान थे,
अब उलझा हुआ सा मैं हूँ और दिल में ग़मों का आसमान हैं,
रोती हुई सी ये शाम है हाथों में जाम लिए ये दिल परेशान हैं॥  #confused #84