साल-हा-साल लम्हा हर लम्हा कुछ रिश्तों ने मुझे बहुत झंझोड़ दिया है.... आँधियों सा हो गया है तर्ज़-ए-क़त्ल मेरा रुख दरियाओं का मैंने अब मोड़ दिया है.... YASH ©jazbaatishayar2020 #gaon