Nojoto: Largest Storytelling Platform

कितनी रौशनी है तेरी आँखों मे आँसूओ से यूं बुझाया न

कितनी रौशनी है तेरी आँखों मे
आँसूओ से यूं बुझाया न कर 

जाकर लिपट जा अपनी चाहत से
यू बंदिशों में अपने अरमान जाया न कर 

कितनी राते यू काट चुकी
कितनी राते और गवाएगी

न् जाने कब तेरी पलके सोई थी
थकी हारी इन पलको के बीच
और कितनी अश्रुधारा बहाएगी

हर बार पागल मत बन ,बस कर अब
हर बार यू आंसू पोछकर खुद को मनाया न कर
कितनी रौशनी है तेरी आँखों मे
आँसूओ से यूं बुझाया न कर 

जाकर लिपट जा अपनी चाहत से
यू बंदिशों में अपने अरमान जाया न कर 

कितनी राते यू काट चुकी
कितनी राते और गवाएगी

न् जाने कब तेरी पलके सोई थी
थकी हारी इन पलको के बीच
और कितनी अश्रुधारा बहाएगी

हर बार पागल मत बन ,बस कर अब
हर बार यू आंसू पोछकर खुद को मनाया न कर
Home
Explore
Events
Notification
Profile