बेवज़ह धड़कने हैं बुलाती तुझे। खोयी हो कहाँ ,खबर नहीं तुझे।। दस्तकें दे रही हैं दिल पे यादें तेरी, कहती हो प्यार ,करते नहीं मुझे।। कैसे बताऊं कितना प्यार है तुमसे, सज़दे में सिसकते देखा नहीं मुझे।। मुन्तज़िर निगाहें तेरे दीद को हैं प्यासी, आंखों में आंखे डाल के देखा नहीं मुझे।। खुश्बू सा बिखरा है जहां में इश्क़ मेरा, इतनी ज़ालिम हो गई कि पता नहीं तुझे।। ग़लतफ़हमी हो दरमियां तो ठीक है, अल्फ़ाज़ों से तौलना अच्छा नहीं मुझे।। Read here👇👇👇... #बेवज़ह #धड़कने हैं बुलाती तुझे। खोयी हो कहाँ ,#खबर नहीं तुझे।। #दस्तकें दे रही हैं #दिल पे #यादें तेरी, कहती हो #प्यार ,करते नहीं मुझे।। कैसे बताऊं कितना #प्यार है तुमसे,