आज रात मैंने भारत की एकता को देखा है इस एकता में मैंने भारत की अखंडता को भी देखा है जब एक साथ पूरा देश जग-मगा गया इस तेज रोशनी के प्रकाश में मैंने अंधकार को डरते देखा है माना कि एक दीपक मात्र से कोरोना नहीं जाएगा पर आज दीपक की रोशनी में मैंने जगमगाते हिन्दुस्तान के होंसले को देखा है आज मैंने हर एक व्यक्ति को इस जंग में साथ खड़ा देखा है आज मैंने एक अलौकिक प्रकाश को देखा है आज एक बार फिर धरम जाति के विरु्ध मुसीबत की घड़ी में भारतवासियों को साथ खड़ा देखा है माना की ये जीत नहीं कोरोना पर हमारी पर आज दीपक की ज्वाला में उम्मीद के प्रकाश को देखा है आज भारत के अखंड स्वरूप को देखा है जय भारत , जय भारत माता sanchita nayak #poem