उगते हुए सूरज की आराधना सारा संसार करता है, क्या फर्क पड़ता है जो तू गिरता है, सूरज भी तो ...... डूबकर उगता है, एक बार नहीं, अनगिनत बार जो तू गिरता है, क्या सोचा है कभी.... उतनी तीव्रता से ही तो तू उठता है, चमकना हम सब को है आसमान में सूर्य की तरह, क्या उसी तरह जलने की क्षमता तू रखता है, यूँ ही नही.... उगते हुए सूरज की आराधना सारा संसार करता है। #सूरज