हाँ लिख लेते हो तुम,
ये अच्छी बात है
शायद मुझसे कही बेहतर...
पर लिखते क्या हो,कभी सोचा है?
नहीं सोचा होगा, ज़रा ध्यान दो
उस ऊपर वाले हर किसी को लिखने का हुनर नहीं दिया है, ना ही हर कोई अपनी बात सबके बीच रख पाने में सक्षम है,
तुम सक्षम हो मैं हूँ
तो नहीं लगता क्या कि कोई मुद्दा उठाया चाहिए उस पे लिखना और बोलना चाहिए,
वैसे तो तमाशा सड़क पर मदारी भी कर लेता है बंदर को नचाकर, पर उस शब्द रूपी बंदर से लोग कोई सीख नहीं लेते ना ही वो मदारी किसी की नज़र में इज्ज़त दार होता है
🙏🏼#अंजान_लेखक™
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