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लगने दो महफिल आज शायरी की जुबां करते हैं. तुम गा

लगने दो महफिल आज 
शायरी की जुबां करते हैं.

तुम गालिब की किताब उठाओ
हम हाले दिल बयाँ करते हैं. #dilbaya
लगने दो महफिल आज 
शायरी की जुबां करते हैं.

तुम गालिब की किताब उठाओ
हम हाले दिल बयाँ करते हैं. #dilbaya