मुश्किल घड़ी और दोस्त ए मुश्किल घड़ी करूं मैं तेरा शुक्रिया है दोस्त कौन मेरा, तूने दिखा दिया मुश्किलों से निकाल कर दोस्त ले आया रिश्ते और रिश्तेदारों ने बस उलझा दिया मेरे लबों से जो दूर हुई पल भर को हंसी दोस्त ने थाम कर हाथ हंसी को लौटा दिया ज़रा सा अंधेरा जो ठहाका लगाकर आया मेरे हौसले को दोस्त ने मेरे और बढ़ा दिया ये रंग ए दोस्ती नही तो और क्या है लोगो मिलकर दोस्तों ने मुश्किलों को डरा दिया आमिल E mushqil ghadi karu main tera shukriya Hai dost kon mera,tune dikha diya Mushqilo se nikaal kar dost le aaya Rishte or rishtedaaro ne to bss uljha diya Mere labbo se jo door hue pal bhar ko hanssi Dost ne thaam kar haath hanssi ko loutaa diya