इस गुलाबी ठंड में, सुबह-सुबह सुरज की लाली देखकर, सुनहरी धूप सेंककर, भीनी , भीनी हवाओं को महसूस कर, बस ऐसा लगता है कि, ऐ वक्त तू यहीं ठहर जा ,ये गुलाबी ठंड मेरे गले लग जा , बस यहीं ठहर जा । बस यहीं ठहर जा।। #मन की बात