आंखो ही आंखो में प्यार हुआ था... ये दिल यूहीं बेकरार हुआ था... जो दिल में, वहीं आंखो में था... आंखो की ज़ुबानी इजहार हुआ था... हां याद है मुझे ., प्यार हमारा, ना मंज़िल को पहुंचा, ना मुकम्मल हुआ था.. याद है आज भी कैसा...??? हमारा मिलन हुआ था... सब कुछ छोड़ कर मुझे सिर्फ तू चाहिए था... लेकिन, क़िस्मत को शायद कुछ और मंज़ूर था... हमारा , तुम्हारा प्यार ना पूरा हुआ था... हां लेकिन,... आंखो ही आंखो में प्यार हुआ था आंखो की , ज़ुबानी इजहार हुआ था...!!! आंखो ही आंखो में प्यार हुआ था... ये दिल यूहीं बेकरार हुआ था... जो दिल में, वहीं आंखो में था... आंखो की ज़ुबानी इजहार हुआ था... हां याद है मुझे ., प्यार हमारा, ना मंज़िल को पहुंचा, ना मुकम्मल हुआ था.. याद है आज भी कैसा...??? हमारा मिलन हुआ था...