सुबह के दस्तक से तारे कहा छुप जाते है जिंदगी के सच से ख्वाब क्यो छुप जाते है क्यो एक के आहट से दुसरा मुह मोड़ लेता है क्या दिन की चमक हम तारो के साथ नही देख सकते ... थोड़ी उलझन है.......... #nojoto #nojotohindi