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अँधेरों में खुद को कब तक धकेलोगे साहब टूटता तारा ज

 अँधेरों में खुद को कब तक धकेलोगे साहब
टूटता तारा जमीन पर ही गिरता है आसमान में नही
 अँधेरों में खुद को कब तक धकेलोगे साहब
टूटता तारा जमीन पर ही गिरता है आसमान में नही
vinaykumar3349

Vinay Kumar

New Creator

अँधेरों में खुद को कब तक धकेलोगे साहब टूटता तारा जमीन पर ही गिरता है आसमान में नही #Poetry