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जन्म और मृत्यु तटबन्धों के, मध्य ये जीवन--धार है।

जन्म और मृत्यु तटबन्धों के, मध्य ये जीवन--धार है।
साँस का रेला -- समय का खेला, कर्मों की पतवार है।।
जितना जो भी डूबा इसमें, उतना उसने पार किया है।
'अनुपम' जिसने हिम्मत हारी, वो आर है -- न -- पार है।। #मुक्त कंठ अम्बर!
जन्म और मृत्यु तटबन्धों के, मध्य ये जीवन--धार है।
साँस का रेला -- समय का खेला, कर्मों की पतवार है।।
जितना जो भी डूबा इसमें, उतना उसने पार किया है।
'अनुपम' जिसने हिम्मत हारी, वो आर है -- न -- पार है।। #मुक्त कंठ अम्बर!

#मुक्त कंठ अम्बर! #विचार