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My First Story ..✍ Plz Ek Bar Zaroor Padhe..✍ ----

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माता-पिता तुल्य वृक्ष एवँ उसकी सन्तान
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             #NojotoQuote ------------------------------------------------
माता-पिता तुल्य वृक्ष एवँ उसकी सन्तान
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             Anjali Bhanushali....✍
माता पिता का हमारे  जीवन में बहुत बड़ि योगदान है. हम माता पिता का ऋण कभी भी चुका नहीं सकते.पर अपने प्रेम से ओर सम्मान से  अपने माता पिता के दिल मे जगह बना सकते हैं. माता पिता का महत्व अपने बच्चों के जीवन में इस प्रकार है जैसे एक विशाल पेड़ कड़ी धूप मे खड़ा रहकर अपनी टहनीयों को धूप बारिश  ओर हर मौसम से बचाता  है, उनकी रक्षा करता है और अपनी जड़ों को मजबूत रखता है उसी तरह हमारे मता पिता  अपने जीवन के अनुभवों से अपने बच्चों को हर  दुख से बचाते हैं ओर इस सुख- दुख रूपी संसार से लडने के लिऐ अपने  बच्चों को साहसी ओर बलवान बनाते है .माता पिता अपना सब कुछ अपने बच्चो पर प्यार ओर ममता न्योछावर कर देते हैं जेसे एक विशाल पेड़ हर तरह से कोशिश करता है की उसकी जड़ जमीन मे मजबूत रहे और उसकी टहनियाँ हमेशा खिलती रहें और फल फुलो से पेड हरा भरा रहे वेसै ही माता पिता का दिल भी यही चाहता हे कि उनके बच्चे बड़े होके नाम कमाऐं अपनी पहचान बनाऐं और हमेशा खुश रहें.संसार का  हर सुख अपने बच्चों को देते हैं और इस सबके बदले में बस अपने बच्चो से प्यार ओर सन्मान की उम्मीद रखते हे. लेकिन जब बच्चे बडे हो जाते हे तब वो सब से पहले अपने माता पिता का ये ऋण भूल जाते हैं ओर अपने माता पिता की उपेक्षा एवं उनका अनादर करते हैं उनको वृद्धा- आश्रम मे छोड आते हैं .जैसे एक विशाल पेड़ से जब उसकी टहनियाँ, उसके.फूल और फल अलग हो जाएँ तो वह पेड़ बिखर जाता है और सूखने लगता है और एक दिन उस विशाल पेड़ का अस्तितव ही  मिट जाता हे उसी तरह माता पिता के दिल का भी यही हाल होता हे और वो भी बिखर जाते हैं पर अपने बच्चों को कह नही पाते चुप चाप सब सहन करते हैं  फिर भी उनके दिल मे अपनै बच्चों के लिऐ कोई नफरत नही होती.माता पिता हमेशा अपने बच्चों से बेइन्तहा प्यार करते हैं तो बच्चों को भी बडे होने के बाद अपने माता पिता को प्यार और उनका सन्मान करना चाहीऐ. वृक्ष के बिना टहनियाँ, शाखाएँ और फूल फल नहीं हो सकते और इनके बिना भी वृक्ष का महत्व नहीं होता. इसी प्रकार माँ-बाप ,बच्चों के साथ और बच्चे माँ-बाप के साथ ही एक हरे-भरे पेड़ की तरह अच्छे लगते हैं ...✍
                            
                 Anjali Bhanushali...✍
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माता-पिता तुल्य वृक्ष एवँ उसकी सन्तान
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माता-पिता तुल्य वृक्ष एवँ उसकी सन्तान
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             Anjali Bhanushali....✍
माता पिता का हमारे  जीवन में बहुत बड़ि योगदान है. हम माता पिता का ऋण कभी भी चुका नहीं सकते.पर अपने प्रेम से ओर सम्मान से  अपने माता पिता के दिल मे जगह बना सकते हैं. माता पिता का महत्व अपने बच्चों के जीवन में इस प्रकार है जैसे एक विशाल पेड़ कड़ी धूप मे खड़ा रहकर अपनी टहनीयों को धूप बारिश  ओर हर मौसम से बचाता  है, उनकी रक्षा करता है और अपनी जड़ों को मजबूत रखता है उसी तरह हमारे मता पिता  अपने जीवन के अनुभवों से अपने बच्चों को हर  दुख से बचाते हैं ओर इस सुख- दुख रूपी संसार से लडने के लिऐ अपने  बच्चों को साहसी ओर बलवान बनाते है .माता पिता अपना सब कुछ अपने बच्चो पर प्यार ओर ममता न्योछावर कर देते हैं जेसे एक विशाल पेड़ हर तरह से कोशिश करता है की उसकी जड़ जमीन मे मजबूत रहे और उसकी टहनियाँ हमेशा खिलती रहें और फल फुलो से पेड हरा भरा रहे वेसै ही माता पिता का दिल भी यही चाहता हे कि उनके बच्चे बड़े होके नाम कमाऐं अपनी पहचान बनाऐं और हमेशा खुश रहें.संसार का  हर सुख अपने बच्चों को देते हैं और इस सबके बदले में बस अपने बच्चो से प्यार ओर सन्मान की उम्मीद रखते हे. लेकिन जब बच्चे बडे हो जाते हे तब वो सब से पहले अपने माता पिता का ये ऋण भूल जाते हैं ओर अपने माता पिता की उपेक्षा एवं उनका अनादर करते हैं उनको वृद्धा- आश्रम मे छोड आते हैं .जैसे एक विशाल पेड़ से जब उसकी टहनियाँ, उसके.फूल और फल अलग हो जाएँ तो वह पेड़ बिखर जाता है और सूखने लगता है और एक दिन उस विशाल पेड़ का अस्तितव ही  मिट जाता हे उसी तरह माता पिता के दिल का भी यही हाल होता हे और वो भी बिखर जाते हैं पर अपने बच्चों को कह नही पाते चुप चाप सब सहन करते हैं  फिर भी उनके दिल मे अपनै बच्चों के लिऐ कोई नफरत नही होती.माता पिता हमेशा अपने बच्चों से बेइन्तहा प्यार करते हैं तो बच्चों को भी बडे होने के बाद अपने माता पिता को प्यार और उनका सन्मान करना चाहीऐ. वृक्ष के बिना टहनियाँ, शाखाएँ और फूल फल नहीं हो सकते और इनके बिना भी वृक्ष का महत्व नहीं होता. इसी प्रकार माँ-बाप ,बच्चों के साथ और बच्चे माँ-बाप के साथ ही एक हरे-भरे पेड़ की तरह अच्छे लगते हैं ...✍
                            
                 Anjali Bhanushali...✍

------------------------------------------------ माता-पिता तुल्य वृक्ष एवँ उसकी सन्तान ------------------------------------------------ Anjali Bhanushali....✍ माता पिता का हमारे जीवन में बहुत बड़ि योगदान है. हम माता पिता का ऋण कभी भी चुका नहीं सकते.पर अपने प्रेम से ओर सम्मान से अपने माता पिता के दिल मे जगह बना सकते हैं. माता पिता का महत्व अपने बच्चों के जीवन में इस प्रकार है जैसे एक विशाल पेड़ कड़ी धूप मे खड़ा रहकर अपनी टहनीयों को धूप बारिश ओर हर मौसम से बचाता है, उनकी रक्षा करता है और अपनी जड़ों को मजबूत रखता है उसी तरह हमारे मता पिता अपने जीवन के अनुभवों से अपने बच्चों को हर दुख से बचाते हैं ओर इस सुख- दुख रूपी संसार से लडने के लिऐ अपने बच्चों को साहसी ओर बलवान बनाते है .माता पिता अपना सब कुछ अपने बच्चो पर प्यार ओर ममता न्योछावर कर देते हैं जेसे एक विशाल पेड़ हर तरह से कोशिश करता है की उसकी जड़ जमीन मे मजबूत रहे और उसकी टहनियाँ हमेशा खिलती रहें और फल फुलो से पेड हरा भरा रहे वेसै ही माता पिता का दिल भी यही चाहता हे कि उनके बच्चे बड़े होके नाम कमाऐं अपनी पहचान बनाऐं और हमेशा खुश रहें.संसार का हर सुख अपने बच्चों को देते हैं और इस सबके बदले में बस अपने बच्चो से प्यार ओर सन्मान की उम्मीद रखते हे. लेकिन जब बच्चे बडे हो जाते हे तब वो सब से पहले अपने माता पिता का ये ऋण भूल जाते हैं ओर अपने माता पिता की उपेक्षा एवं उनका अनादर करते हैं उनको वृद्धा- आश्रम मे छोड आते हैं .जैसे एक विशाल पेड़ से जब उसकी टहनियाँ, उसके.फूल और फल अलग हो जाएँ तो वह पेड़ बिखर जाता है और सूखने लगता है और एक दिन उस विशाल पेड़ का अस्तितव ही मिट जाता हे उसी तरह माता पिता के दिल का भी यही हाल होता हे और वो भी बिखर जाते हैं पर अपने बच्चों को कह नही पाते चुप चाप सब सहन करते हैं फिर भी उनके दिल मे अपनै बच्चों के लिऐ कोई नफरत नही होती.माता पिता हमेशा अपने बच्चों से बेइन्तहा प्यार करते हैं तो बच्चों को भी बडे होने के बाद अपने माता पिता को प्यार और उनका सन्मान करना चाहीऐ. वृक्ष के बिना टहनियाँ, शाखाएँ और फूल फल नहीं हो सकते और इनके बिना भी वृक्ष का महत्व नहीं होता. इसी प्रकार माँ-बाप ,बच्चों के साथ और बच्चे माँ-बाप के साथ ही एक हरे-भरे पेड़ की तरह अच्छे लगते हैं ...✍ Anjali Bhanushali...✍