शीर्षक: "रावण" जिस रावण ने शीघ्र सीख ली कैसे उड़े विमान, गणित सूत्र, शास्त्रो के ज्ञानी एकसम वेद-पुराण, सीया हरण की विषम चूक वह कर गया बन अनजान, रघुवर को पहचान ना सके ऐसा मूर्ख न जान। जय-विजय को मृत्युलोक पर तीन रूप में आना था, विष्णु से संहार सुगम कर जनम सफल कर पाना था, तभी सृष्टि का चक्र चलेगा ज्ञान लोक में आएगा, स्वंग हरि के कर कमलों से मुक्ति लाभ वो पायेगा। इसी जोग को पूर्ण करने को रावण असुर बन आता है, निज कर्मो को भूल बताकर हरिनाम समझता है। ~अभिजीत दे। #कवितारावण #रावण Mukesh Poonia Bina Babi Anjan Roy Sobhya Gupta Rajesh Ram