बिसरते पथ पर, सिमटते गथ पर। चलते सफर में, सवारी रथ पर, कोई नही सहारा, अकेले पथ पर। अंधेरे डगर में, अचानक बगल में। सुनाई दी सिसकी, ये आवाज किसकी। नैनो में तारे, हुवा यूँ उजारै, आंखों में काली, होंठो पे लाली, मेरे सामने ये कौन, क्यों है ये मोन, मैं चलता रहा, दिल मचलता रहा, पीछे से उसने, आवाज दी सुनने। वो साया है मेरी, समझने में देरी। वो साया है मेरी मैं साया हूँ उसका, मैं हमेशा रहूँगा, यूँ साथ था जिसका। #अकेले सफर में।